हिरण्यकश्यप वध पश्चात, श्री नरसिंह जी द्वारा उसके शव को फेंकना और रौद्र रूप में सिंह के समान गर्जना करना...
2.
यह भारत के भूखे पेटों, सूखी हड्डियों और गरीब किसानों को चुनौती है, क्या हम इस चुनौति को चुपचाप बर्दाश्त कर लेंगे? हमें एक स्वर में गर्जना करना चाहिए ।
3.
योगपीठ के हितों के लिये वह नेताओं और मंत्रियों को योगपीठ का निजी हेलीकॉप्टर देने से भी गुरेज नहीं करते, लेकिन फिर भी भ्रष्टाचार को हटाने की सिंह गर्जना करना नहीं भूलते।